Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -10-Feb-2023... कभी तो मिलोगी....

कभी कभी जिंदगी ऐसे मोड़ पर ले आती हैं जहाँ से हम चाहकर भी वापस लौट नहीं सकते..। इसे हादसा कहूँ या इतफ़ाक... किस्मत कहूँ या रहमत...इन सवालों के जवाब ढूंढने आज मैं अपने सफ़र पर जा रहा हूँ....। 
आज से तीन साल पहले एक छोटा सा सफ़र मुझे कभी ना भूलने वाली याद दे गया..।
वेलेंटाइन डे.... प्यार करने वालों के लिए सबसे प्यारा दिन..। 
हर आशिक इस दिन को मनाने के लिए खास तरह की प्लानिंग करते हैं..। 

तीन वर्ष पहले.... 

देख...आदि.....मैं कुछ नहीं जानता.. तुझे चलना हैं मतलब चलना हैं...! 

यार तु समझ क्यूँ नहीं रहा हैं... मैं क्या करूंगा.. तुम सबके साथ चलकर...। 

फिर से वहीं बात... मैंने कहा ना तु चल रहा हैं बस...अभी इस बारें में मुझे कोई बहस नहीं करनी.. मैं फोन रख रहा हूँ..। कल ठीक सात बजे मैं तुझे लेने आ रहा हूँ... अपना सामान पैक कर देना... देट्स इट... बाय..। 

अरे... या... र...। 

फोन के कट होते ही... आदित्य अपने आप में बड़बड़ाते हुए.... ये रॉकी  भी ना.... हद करता हैं... मैं क्या करुंगा उन सबके बीच... वो सब कपल्स... मैं अकेला.. कुछ समझता नहीं हैं...। चल आदि... कर ले पैकिंग... कर भी क्या सकता हैं...। उससे कभी जीत सका हैं तु...! 

सोचते.. बड़बड़ाते हुए... आदि अपनी पैकिंग में लग गया.। 

अगले दिन सवेरे सात बजे रॉकी  और उसकी गर्लफ्रेंड सुरभि... कार लेकर आदित्य के घर आ गए..। 
आदित्य अपने मामा के घर अकेला रहता था...। दिल्ली में पढ़ाई के लिए आया था... लेकिन वहां उसके मामा का एक बंद मकान था इसलिए वो किसी पीजी या हास्टल में ना रहकर उनके घर रहता था..। 
आदित्य के सभी दोस्त जिसमें रॉकी के अलावा विकास और सौरभ शामिल थे.. वो सभी हास्टल में रहते थे..। उनके हास्टल के सामने ही गर्ल्स हॉस्टल भी था...। जिसमें सभी ने अपनी पसंद की लड़की को चुन रखा था..। आज वेलेंटाइन का दिन था... तो सभी दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड के साथ दिल्ली से लगभग पचास किलोमीटर की दूरी पर स्थित दमदमा झील घूमने जा रहें थे....। ये झील कपल्स के लिए परफेक्ट थी... साथ ही इसके आसपास कुछ रिजोर्टस भी हैं... जिसमें रुककर आराम किया जा सकें..। 

तकरीबन दो ढाई घंटे की यात्रा करके ही सभी उस स्थान पर  पहुंच गए...। 
सौरभ ने वहाँ एक रिजोर्ट में चार कमरे भी बुक कर रखे थे..। 

रास्ते भर मस्ती मजाक... नाच गाना करते करते सभी फ्रेश होने के लिए अपने अपने कमरों में चले गए..। कुछ देर बाद सभी तैयार होकर झील पर घूमने के लिए निकल गए..। दोस्तों की छेड़छाड़.. मजाक... मस्ती में आदि भी अब अच्छा महसूस कर रहा था..। सभी झील के किनारे पहुंचे ओर वहां बोंटिंग के मजे लेने के लिए उन्होंने एक बोट बुक करवाई..। उसमें आठ से दस लोग सफ़र कर सकते थे..। सभी एक एक कर बोट में सवार हो गए....। आदि सबसे अंत में बोट में सवार हो ही रहा था की अचानक एक लड़की की आवाज आई... एक मिनट भईया... मुझे भी इसमें ले सकते हैं क्या..? 

बोट का ड्राइवर:- हां.. हां मैडम आ जाइये..। 

सौरभ :- अरे क्या आ जाइये भाई.... ये हमने बुक करवाई हैं...। हम पहले ही सात लोग तो हैं.... आपके साथ आठ हो गए... अब क्या इसको पूरा भर दोगे क्या...! 

अरे साहब...अकेली लड़की हैं... क्या दिक्कत हैं...। वैसे भी इसमें दस लोग तो आ ही सकते है..। बैठने दिजिए ना...! 

अरे आप समझ क्यूँ नहीं रहें हैं भाई... हम सब साथ हैं वो... आएगी तो... 

सौरभ कुछ ओर बोलता इससे पहले आदि बीच में बोला :- अरे छोड़ ना यार.... आने दे... जो भी है...। 

आदि के ऐसा कहते ही सभी उसे छेड़ते हुवे बोले:- ओहह...अब समझे... तु तो बड़ा शातिर निकला यार... लड़की को यहाँ बुला भी लिया ओर हमको बताया भी नहीं...! 

अरे.... यार तुम भी ना... कहीं भी शुरू हो जाते हो...। 

बोट चलाने वाले ने उस लड़की को इशारे से बुलाया...। वो लड़की पास आई तो बोट वाले ने आदि से कहा :- साहब... मैम साब को थोड़ा हाथ देकर उस तरफ़ बिठा दिजिए..। 

आदि... जो अभी तक उस लड़की की तरफ़ पीठ किए ही खड़ा था उसने पलट कर उस लड़की की तरफ़ देखा ओर देखता ही रह गया...। 
सुर्ख गुलाबी होंठ, उसपर हल्की पिंक रंग की लिपस्टिक, काले रंग की जींस ओर लाल रंग की घुटने से थोड़ा ऊपर तक कुर्ता, पैरो में बूट,कंधे पर लटका हैंडबैग, बाल आधे खुले हुवे... जो हवा की वजह से चेहरे पर बिखर रहें थे... रंग भले ही सांवला था पर उसके नैन नक्श किसी को भी मोह ले...। 

अरे साहब... हाथ दिजिए...। 

बोट वाले के जोर से आवाज लगाने पर जैसे आदि होश में आया हो ओर उसने अपना हाथ उस लड़की की तरफ़ बढ़ाया...। 
लड़की ने आदि का हाथ मजबूती से थामा ओर संभलते हुवे बोट में सवार हो गई..। 

मेरा हाथ... एक्सक्यूज मी... मेरा हाथ.. तो छोड़िये... ओ मिस्टर.. 

आदि ने उस लड़की का हाथ अभी भी थाम रखा था... जिसकी वजह से वो लड़की उससे ऐसा कह रहीं थी... पर आदि तो जैसे उसमें खो गया था...। आदि की ऐसी हालत देख जहां एक ओर उसके दोस्त उसका मजा ले रहें थे वहीं दूसरी तरफ़ वो लड़की अब शर्म से लाल हो रहीं थी...। 

तभी बोट चलाने वाले ने बोट की मशीन चालू की जिसकी तेज़ आवाज से आदि अपने अतीत में वापस आया ओर उसने हड़बड़ाते हुए उसका हाथ छोड़ दिया...। सभी दोस्त खिलखिलाकर हंसने लगे...। आदि भी अपनी हरकत पर सकुचा गया उसने बड़ी मासुमियत से उस लड़की को कहा :- आइ एम सॉरी...। 

सॉरी... माय फूट.... लड़की देखी नहीं की लगे दाना डालने... देखो मिस्टर ये ओवर एक्टिंग किसी ओर के सामने करना.. मेरे आगे नहीं... अच्छे से जानती हूँ तुम दिल्ली के लड़कों को... एक मौका नहीं छोड़ते... गलती तो मेरी ही थीं जो मैं इस बोट में आई...। अब ऐसे घुर घुरकर क्या देख रहे हो... लड़की हूँ... खेत का गन्ना नहीं जो खा जाओगे.... हद हैं.... जहां देखो... सब घूरने लग जातें हैं... जैसे लड़की नहीं कोई अजूबा आ गया हो. । तंग आ गई हूँ मैं तो इस दिल्ली से ओर यहाँ के लड़कों से...। हाय राम... फूटी मेरी किस्मत... क्या सोचकर मैं यहाँ आई थीं...मैं अपने..... 


अरे मैडम... बस किजिए... सांस तो ले लीजिए.... रॉकी ने उस लड़की को टोकटे हुवे कहा..। 

हां हां ठीक हैं... हो जाती हूँ चुप... वैसे मुझे भी अजनबियों से बात करने का कोई शौक नही हैं...। मैं तो किसी से बात करतीं ही नहीं.. पर आप जैसे लोग मिल जातें हैं हर जगह तो क्या करूँ... वैसे तो मैं एकदम खामोश रहने वाली लड़की हूँ... मेरे शहर में तो सब मुझसे कहते हैं की सिमी तु इतना कम क्यूँ बोलती हैं...। अब क्या करुं मैं... मुझे नहीं पसंद कोई ज्यादा बोले तो.. मैं भी सबको बोलतीं हूँ... इंसान जितना कम बोलता हैं उसका दिमाग उतना ही शार्प रहता हैं... इसलिए तो मैं भी कम बोलतीं हूँ...वरना मैं... 


सच में सिमी जी आप बहुत कम बोलतीं हो...। थोड़ा बात किया किजिए...। सौरभ उस लड़की को छेड़ते हुवे बोला..। 

हां... वहीं तो... थोड़ा बहुत तो इंसान बोलेगा ना... माना कम बोलना चाहिए... लेकिन थोड़ा बहुत तो बोल ही सकते हैं... बोलेंगे नहीं तो एक दूसरे के बारे में जानेंगे कैसे...। लेकिन हां... मैं यहाँ कम इसलिए बोलतीं हूँ... क्योंकि ये दिल्ली के लड़के ना... बाबा रे बाबा... । हमारे शहर में ऐसा नहीं हैं... पर पता नहीं क्यूँ मैं वहाँ भी कम ही बोलतीं हूँ...। वो क्या हैं ना... मैंने बताया था ना कम बोलने से दिमाग शार्प रहता हैं बस इसलिए... तभी तो मैं हमेशा टॉप करतीं हूँ...। 

सिमी की नॉन स्टॉप बाते सुनकर सभी दोस्त एक दूसरे को देखकर जोर जोर से हंसने लगे..। उनको ऐसे हंसता देख सिमी चुप हो गई..। 
उसके चुप होतें ही आदि ने सभी से कहा :- क्यूँ हंस रहें है तुम सब... बोलने दो ना उसे..। आप बोलिये सिमी जी... बहुत अच्छा बोलतीं हैं आप...। 

नहीं.. नहीं... मुझे अब कुछ नहीं बोलना.. आप सब  तो ऐसे हंस रहे हैं जैसे मैंने कोई चुटकुला सुना दिया हो...। अरे नहीं पसंद था तो बोल देते ना... ओर वैसे भी मैं तो आप सभी को कुछ अच्छा ही बता रहीं थीं की कम क्यूँ बोलना चाहिए...। हद हैं... अच्छी बातें करने वालों की तो कोई वैल्यू ही नहीं हैं..। 


सिमी की लगातार बोलते रहने ओर आदि का उसका साथ देते रहने से सौरभ, रॉकी और बाकी सभी आदि को छेड़ते हुए कहने लगे :- जोड़ी बढ़िया जमेगी आदि... तु वैसे भी कम बोलता हैं.. तेरी तरफ़ से सिमी जी अकेले ही बोल देंगी...। 

तकरीबन एक डेढ़ घंटे तक सिमी की बातें सुनते सुनते सभी वापस किनारे पर पहुंचे..। सभी दोस्त अपने अपने जोड़े में साथ चल दिए..। आदि ने भी सिमी की बातों की तारीफ करते करते उसे अपने साथ दिल्ली की दूसरी जगहों पर साथ घूमने के लिए तैयार कर लिया था..। पूरा दिन सभी दोस्त साथ में दिल्ली की प्रसिद्ध जगहों पर घूमकर, खा पीकर रात को सभी अपने अपने हास्टल चल दिए सिवाय आदि और सिमी के..। 
सिमी को आदि उसकी बहन के घर छोड़ने वाला था..। सिमी अपनी बड़ी बहन के घर दिल्ली घूमने आई थीं..। उसकी बातों से पता चला की वैसे हर रोज़ वो ओर उसकी दीदी साथ ही घूमने निकलते हैं.. लेकिन आज एन वक्त पर दीदी की तबियत थोड़ी बिगड़ गई इसलिए सिमी अकेले निकल पड़ी.. वैसे तो सिमी भी नहीं आ रहीं थीं पर वो कल अपने शहर लखनऊ वापस जा रहीं थीं इसलिए आज आखिरी दिन था घूमने का... तो उसकी बहन ने जिद्द करके उसे भेजा था..। 
आदि मन ही मन इसे अपनी किस्मत समझ रहा था की आज उसकी मुलाकात सिमी से हो गई..। 

आदि अपनी बाइक पर सिमी को बिठाकर उसे उसकी बहन के घर छोड़ने चल दिया..। 

उसकी बहन का घर आतें ही सिमी आदि की बाइक से उतरी ओर उसको थैंक्स बोलकर जाने लगी...। 

आदि पूरे दिन इसी उधेड़बुन में था की वो सिमी से अपने दिल का हाल कैसे कहे ओर उससे आगे बात कंटीन्यू करने के लिए उसका मोबाइल नंबर कैसे मांगे..। हालांकि उसके दोस्तों ने अपने अपने तरीके से उसे बहुत सारे टिप्स दिए थे.. पर अपने स्वभाव वश वो कुछ कर ही नहीं पाया...। 

लेकिन जब सिमी अंत में उससे दूर जा रहीं थीं तो आदि की दिल की धड़कने मानों रुक सी रहीं हो.. वो कशमकश में पड़ गया की क्या करें...। 
सिमी के हर बढ़ते कदम मानों उसे गहरा आघात पहुंचा रहे हो..। 

कुछ कदमों तक गहन सोच विचार और दिल के जज्बात को उजागर करते हुवे आदि ने सिमी को आवाज लगाई:- सिमी.... "फिर कब मिलोगी... "...... 

आदि की बात सुन सिमी के बढ़ते कदम रुक गए... उसने पलटकर आदि की तरफ देखा ओर अपने कदम फिर से आदि की तरफ़ बढ़ाएं....। 

पहले सिमी के दूर जाने से ओर अब सिमी के पास आते कदमों ने आदि की हालत फिर से पतली कर दी थीं...। आदि फरवरी की ठंडी हवाओं में भी पसीने से तर बतर हो गया था..। वो नहीं जानता था की सिमी कैसा रियेक्ट करेगी... उसकी धड़कने बढ़तीं जा रहीं थीं..। वो कुछ ओर बोलता या करता तब तक सिमी उसके करीब आकर बोलीं :- लखनऊ में मिलूंगी मिस्टर आदि.... अगर आप फिर से मिलना चाहे तो... वैसे लखनऊ ज्यादा दूर तो नहीं हैं... हां पर इतना पास भी नहीं हैं...। लेकिन आप चाहो तो आ सकते हो हां... मैं आपको लखनऊ की एक एक बेहतरीन जगह दिखाऊंगी...। आपको पता हैं.... 


आदि ने अचानक उसके होठों पर अपना हाथ रख दिया ओर कहा :- मैं जरुर आऊंगा सिमी... तुमसे मिलने.. तुम्हारे साथ वक्त बिताने.. तुम्हारा शहर देखने... लेकिन उसके लिए मुझे तुम्हारा पता और नंबर भी तो होना चाहिए ना... क्या तुम मुझे वो दोगी...! 

सिमी ने अपनी गर्दन हां में हिलाई...। 

आदि के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई..।उसने मुस्कुराते हुए कहा :- वैसे तुम चुप बिल्कुल अच्छी नहीं लगतीं हो..। मैं तुम्हारी हर बात सुनना चाहता हूँ... जिंदगी भर के लिए...। ये लो मेरा फोन इसमें अपना नंबर सेव करो..। 

आदि ने उसे अपना मोबाइल देते हुवे कहा ओर उसके होठों से अपना हाथ हटाया..। 
सिमी ने मोबाइल लेकर मुस्कुराते हुए उसमें अपना नंबर एड किया...और दौड़ती हुई घर के भीतर चलीं गई...। 

आदि भी मुस्कुराता हुआ अपने घर आ गया...। उसी रात से दोनों के बीच मोबाइल पर बातचीत का सिलसिला लगातार चलता रहा...। 

दोनों के बीच की बातचीत धीरे धीरे प्यार में बदलने लगी...। 

वर्तमान समय..... 

आज पूरे तीन वर्षों के लंबे इंतजार के बाद मैं फाइनली सिमी से मिलने उसके शहर... उसके घर जा रहा था... अपने जीवन की सबसे अनमोल चीज़ को हमेशा के लिए अपना बनाने...। 
उसके घरवालो से उसका हाथ मांगने...। 

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8 Comments

Alka jain

14-Feb-2023 12:37 PM

बेहतरीन

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Gunjan Kamal

13-Feb-2023 11:47 AM

शानदार

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Varsha_Upadhyay

12-Feb-2023 02:03 PM

बहुत खूब

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